
श्री राम नवमी
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रामनवमी (Ram Navmi):
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था, इसलिए हर वर्ष इस तिथि को राम नवमी या राम जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। इस वर्ष राम नवमी 30 मार्च दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन अयोध्या समेत पूरे देशभर में राम नवमी का उत्सव पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। भगवान श्री हरि विष्णु ने रावण के वध के लिए त्रेतायुग में अयोध्या के महाराजा दशरथ के घर राम अवतार लिया। उनकी बड़ी पत्नी कौशल्या ने राम को जन्म दिया। भगवान राम के अन्य तीन भाई भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न ने क्रमश: माता कैकेयी और माता सुमित्रा के गर्भ से जन्म लिया।
इस वर्ष रामनवमी के त्योहार पर कई तरह के दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। ज्योतिषशास्त्र की गणना के अनुसार रामनवमी के दिन गुरु-पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे 4 प्रमुख शुभ संयोग बन रहा है। वहीं अगर ग्रहों की बात करते तो गुरु मीन राशि, शनि कुंभ राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में मौजूद रहेंगे। रामनवमी पर इस तरह के शुभ संयोग में भगवान राम का जन्मोत्सव मानने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करें हैं प्रभु राम
राम नवमी के दिन व्रत रखने और विधि विधान से पूजा करने पर व्यक्ति की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।
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आइए जानते हैं कि राम नवमी के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और राम नवमी व्रत एवं पूजा विधि क्या है?
राम नवमी पूजा मुहूर्त
राम नवमी तिथि- 6 अप्रैल 2025, दिन रविवार
आज 06अप्रैल 2025 रविवार का दिन है। पंचांग के अनुसार आज इस दिन पर चैत्र माह के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि है। ऐसे में आज माता नवरात्र के आखिरी दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। इसके साथ ही आज रामनवमी का पर्व भी मनाया जाएगा।
आज के शुभ मुहूर्त-
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पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगी। इसका समापन 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर है। उदया तिथि के मुताबिक 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी का महापर्व पूरे भारत में मनाया जाएगा।
राम नवमी शुभ मुहूर्त
6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 8 मिनट से शुरु होगा। यह मुहूर्त दोपहर के 1 बजकर 39 मिनट तक बना रहेगा। आप इस अवधि में प्रभु श्रीराम की उपासना कर सकते हैं।राम नवमी शुभ योग
पंचांग के अनुसार राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र बन रहा है। इसके अलावा इस दिन सुकर्मा योग बना रहेगा, जो शाम 6 बकर 54 मिनट तक है। इसके बाद धृति योग का निर्माण होगा।राम नवमी व्रत एवं पूजा विधि
नवमी तिथि के प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर पूजा स्थल पर प्रभु श्री राम की प्रतिमा, मूर्ति या फिर तस्वीर को स्थापित करें। राम जी के बाल्यकाल की मूर्ति या तस्वीर हो तो बहुत उत्तम होगा। अब राम नवमी व्रत का संकल्प करें। इसके बाद उनका गंगा जल से अभिषेक कराएं। फिर भगवान श्रीराम का अक्षत्, रोली, चंदन, धूप, गंध आदि से षोडशोपचार पूजन करें। इसके बाद उनको तुलसी का पत्ता और कमल का फूल अर्पित करें। मौसमी फल भी चढ़ाएं। घर में बने मीठे पकवान का भोग लगाएं। अब रामचरितमानस, रामायण और रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें। इसके पश्चात भगवान राम की आरती करें। पूजा दौरान उनकी प्रतिमा को पालने में कुछ देर के लिए झुलाएं। पूजा समापन के बाद प्रसाद लोगों में वितरित कर दें। ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें। व्रत रखने वाले लोग दिनभर फलाहार करें।
शुभ मुहूर्त में भगवान राम की रथ यात्रा, झांकियां आदि निकालें। फिर शाम को भगवान राम का भजन—कीर्तन करें। फिर दशमी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान राम की पूजा करें और पारण कर व्रत पूरा करें।ध्यानम
भगवान श्री राम का ध्यान करते हुए निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए.
कोमलक्षम विशालाक्षमिंद्रनिला सम्प्रभम।
दक्षिणंगे दशरथं पुत्रवेक्षनतत्परम्॥
पृष्टतो लक्ष्मणम् देवं सच्छत्रम् कनकप्रभम।
पार्श्व भरत शत्रुघ्नौ तलावृंतकरवुभौ।
अग्रव्यग्राम हनुमंतम रामानुग्रह कंक्षीणम
ओम श्री रामचंद्राय नमः।
ध्यानत ध्यानं समरपयामीइन मंत्रों से हवन करें
ऊं गणेशाय नम: स्वाहा
ऊं गौरये नम: स्वाहा
ऊं वरुणाय नम: स्वाहा
ऊं दुर्गाय नम: स्वाहा
ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा
ऊं हनुमते नम: स्वाहा
ऊं भैरवाय नम: स्वाहा
ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा
ऊं स्थान देवताय नम: स्वाहा
ऊं ब्रह्माय नम: स्वाहा
ऊं विष्णुवे नम: स्वाहा
ऊं शिवाय नम: स्वाहाऊं जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा, स्वधा नमस्तुते स्वाहाश्रीराम के मंत्रों के जाप
रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम के मंत्रों के जाप से भक्त उनकी आराधना करते हैं। हिन्दू धार्मिक शास्त्रों में भगवान श्रीराम के सिद्ध मंत्र दिए गये हैं और इन मंत्रों को जपने की सही विधि भी बताई गयी है।
राम नवमी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
राम मूल मंत्र- ॐ श्री रामाय नमः॥
राम तारक मंत्र- श्री राम जय राम जय जय राम॥
राम ध्यान मंत्र- ॐ आपदामपहर्तारम् दाताराम् सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामम् श्रीरामम् भूयो-भूयो नमाम्यहम्॥
सामान्य मंत्र- ॐ श्री रामचन्द्राय नमः। , ॐ रां रामाय नमः।आइए जानते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के सिद्ध मंत्र कौन-कौन से हैं और उनको जपने के लाभ क्या है?
1- ‘राम’
राम नाम स्वयं ही एक बड़ा मंत्र है। दरअसल, भगवान श्रीराम का नाम अपने आप में एक सिद्ध मंत्र है। राम नवमी के दिन जो भक्त राम का नाम 108 बार जपता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
2- ‘रां रामाय नम:’
भगवान श्रीराम का यह मंत्र बेहद ही प्रभावशाली होता है। इस मंत्र को श्रीराम पूजा में 108 बार जपें। इस मंत्र को सच्चे मन से जपने से भक्तगणों की सारी विपदाएं नष्ट हो जाती हैं। आरोग्य जीवन के लिए भी यह राम मंत्र कारगर है।3- ‘ॐ रामचंद्राय नम:’
रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम के इस मंत्र को जपने से घर के सारे संकट दूर हो जाते हैं। घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। घर की शांति के लिए इस मंत्र को 108 बार श्रीराम की पूजा के समय जरुर जपें।4- ‘ॐ रामभद्राय नम:’
भगवान श्रीराम के मंत्रों में सब प्रकार के दुखों को हरने की शक्ति होती है। सच्ची श्रद्धा के साथ श्रीराम के इस सिद्ध मंत्र का 108 बार जाप करें। आपके कार्य में आ रही सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी।5- ‘ॐ जानकी वल्लभाय स्वाहा’
रामनवमी के दिन माता जानकी का स्मरण अवश्य ही करना चाहिए। श्रीराम एवं उनकी अर्धांगनी माता सीता से जुड़े इस मंत्र के जाप से मनोकामना पूर्ति होती है। पूजा के समय इसे 108 बार जपें।6- ‘ॐ नमो भगवते रामचंद्राय’
भगवान श्रीराम का जीवन संपूर्ण मानव जाति के लिए एक आदर्श है। इसलिए राम नवमी के दिन आप श्रीराम से जुड़ा यह मंत्र 108 बार जपें। इस मंत्र के जाप से आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।7- ‘श्रीराम जय राम, जय-जय राम’
भगवान राम से जुड़ा यह मंत्र लोकप्रिय तो है ही साथ में यह मंत्र बेहद असरदार भी है। यह मंत्र आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को भर देगा। भगवान राम की पूजा में इस मंत्र का जाप 108 बार करें।8 – ‘ॐ दशरथाय विद्महे सीता वल्लभाय धीमहि तन्नो श्रीराम: प्रचोदयात्।
यह श्रीराम गायत्री मंत्र है। शास्त्रों में ऐसा लिखा गया है कि इसके जप से व्यक्ति के सारे संकट दूर हो जाते हैं। उसके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।9- ‘ॐ रामाय धनुष्पाणये स्वाहा:’
भगवान श्रीराम का यह सिद्ध मंत्र आपको कानूनी कार्यों, मुकदमों में जीत दिलाता है। अगर आप किसी कानूनी केस का सामना कर रहे हैं तो रामनवमी के दिन यह मंत्र श्रीराम पूजा के दौरान 108 बार जपें।10- इसके साथ ही श्रीराम रक्षास्तोत्र, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण आदि का पाठ भी राम नवमी के दिन करना चाहिए। इनके पाठ से कई प्रकार के लाभ होते हैं और व्यक्ति के भाग्य खुल जाते हैं।
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