हनुमान मंत्र | हनुमान जी के 8 कल्याणकारी मंत्र
-
हिन्दू धर्म में मन्त्रों का बड़ा महत्व है | सभी देवों के अलग-अलग मंत्र है | सभी मन्त्र स्वयं में अलौकिक शक्तियाँ रखते है | मन्त्रों में बड़ी ही शक्ति होती है मन्त्रों के बल पर हर प्रकार के कार्य को सिद्ध करने के लिए सम्बन्धित देव से प्रार्थना की जाती है | मुख्य रूप से मंत्र तीन प्रकार के होते है – वैदिक मंत्र , बीज मंत्र और शाबर मंत्र | तीनों ही प्रकार के मंत्र स्वयं में असीमित शक्तियां रखते है |
हनुमान जी के मन्त्रों को आप भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्य पूर्ण करने के लिए प्रयोग कर सकते है |
1. हनुमान स्तुति मंत्र Hanuman Stuti Mantra
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् |
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ||
अर्थ : – अतुल बल के धाम , सोने के पर्वत के समान कान्तियुक्त शरीरवाले, दैत्यरूपी वन को ध्वंस करें वाले , ज्ञानियों में सबसे आगे , सम्पूर्ण गुणों के निधान , वानरों के
स्वामी , श्री रघुनाथ जी के प्रिये भक्त पवनपुत्र श्री हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूं |2. सर्व मनोरथ सिद्धि मंत्र /Hanuman Mantra
अंजनी के नन्द दुखः दण्ड को दूर करो सुमित को टेर पूजूं
तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी
श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी |इस मंत्र/Mantra का 10000 बार जाप करने से आपका कोई भी रुका हुआ कार्य शीघ्र ही पूर्ण हो जाता है | इसके साथ ही यदि आप किसी मुकदमे में फंसे है तो उसमे भी विजय प्राप्त होती है |
3. भूत-प्रेत आदि के निवारण के लिए –Hanuman Mantra
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे
कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय
रामदूताय स्वाहा |इस मंत्र का विधानपूर्वक 1000 बार जाप करने से यह मंत्र सिद्ध होता है | परन्तु यदि आप इस मंत्र को उच्चारण सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय करते है तो यह सिर्फ एक बार के जाप मात्र से सिद्ध हो जाता है | मंत्र सिद्ध के पश्चात् रोगी को जिसमे भूत – प्रेत आया है उस पर इस मंत्र का जाप करते हुए मोर पंख से झाड़ा दे | और इसके साथ साथ मंत्र/(Hanuman Mantra) द्वारा जल को भी अभिमंत्रित कर रोगी को पिलाये | ऐसा करने से भूत- प्रेत आदि की बाधा से शांत होकर रोगी रोगमुक्त हो जाता है |
4. भय निवारण के लिए –Hanuman Mantra
अंजनीगर्भसम्भूताय कपीन्द्र सचिवोत्तम रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमान रक्ष रक्ष सर्वदा ||
यदि किसी को बुरे सपने आते है | सपने में अक्सर डर जाते है या दिन के समय भी किसी अनजान वस्तु से डर बना रहता हो तो इस मंत्र का रात्रि में सोने से पहले 11 बार जाप कर तीन ताली बजाकर सो जाये ||
5. वशीकरण मंत्र – Hanuman Mantra
ॐ नमो हनुमते उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रुं रुं रुं रुं रुं रूद्रमूर्तये प्रयोजन निर्वाहकाय स्वाहा ||
इस मंत्र/Mantra का सवा लाख जप करने के पश्चात् जिस व्यक्ति को अपने वश में करना हो उसके पैर की मिटटी लेकर 27 बार इस मंत्र को पढ़े और अब इस मिटटी को उसके अंग से स्पर्श करा दे, ऐसा करते ही वह व्यक्ति साधक के वशीभूत हो जायेगा |
6. व्यापर में प्रगति के लिए मंत्र
जल खोलूं जल हल खोलूं खोलूं बंज व्यापार आवे धन अपार
फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा हनुमत वचन जुग जुग सांचा ||इस मंत्र को काले उर्द पर पढ़कर दुकान में डाल देने से रुका हुआ व्यापार चलने लग जाता है |
7. हनुमान द्वाद्श्याक्षर मंत्र
” हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट् ”
हनुमान जी के इस मंत्र/Mantra का जप नियमित रूप से पूजा के समय किया जा सकता है | वैसे तो इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए सवा लाख मंत्रों के जप और साढ़े बारह हजार आहुतियों का विधान है | किन्तु आपको मंत्र सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है आप इस मंत्र का जप अपने कल्याणार्थ कर सकते है | हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए व मनोकामना पूर्ती के लिए प्रतिदिन 3 माला का जप करें |
8. हनुमान मंत्र
ॐ मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं
वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये ||अर्थ : – वह जो मन की गति से भी तेज है | जो वायु से भी ज्यादा बलशाली है जिन्होंने सभी इन्द्रियों पर पूर्ण विजय प्राप्त की है जो बुद्धि में सबसे आगे है जो वायु के पुत्र है | जो वानरों में प्रमुख है(Hanuman Mantra) | मैं भगवान श्री राम चन्द्र के उस भक्त ( हनुमान जी ) की शरण में जाता हूं |
कलियुग के समय में हनुमान जी की आराधना शीघ्र फल प्रदान करने वाली मानी गयी है | मंत्र द्वारा हनुमान आराधना आपको मानसिक रूप से हनुमान जी से जोड़ती है | आप हनुमान जी के जिस भी मंत्र का जप करें उसके अर्थ को ध्यान में रखते हुए पूर्ण श्रद्धा भाव के साथ धीमे स्वर में या फिर मानसिक जप करें | मंत्र का जप कभी भी उचे स्वर में न करें |