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‘ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः’
‘ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः’ मंत्र का अर्थ है:
हे कृष्ण, वासुदेव, हरि, परमात्मा, और गोविंद, आप हमारे सभी कष्टों का नाश करें.
हम आपकी शरण में हैं, हे श्रीहरि, हे वासुदेव, हे परमात्मा, हे हरि गोविंद.
हम अपने सभी दुःखों के नाश के लिए आपके समक्ष अपना सिर झुकाते हैं.इस मंत्र के बारे में कुछ और बातेंः
यह मंत्र भगवान वासुदेव कृष्ण की पुकार और प्रार्थना है.
इस मंत्र के जाप से कई लाभ हो सकते हैं, जैसे अंतरिक शांति, तनाव, विषाद से छुटकारा, आध्यात्मिक उन्नति, योगिक सिद्धियों की प्राप्ति, मन की निर्मलता, अंतरिक दिव्य सुख, कृष्ण भगवान के लिए समर्पण, और मोक्ष धाम की प्राप्ति.
इस मंत्र का जाप करते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए.इस मंत्र का प्रतिदिन सुबह या शाम के समय 108 बार जप करने से किसी भी प्रकार का संकट आपके पास नहीं आ सकता.